Wednesday, December 30, 2009

अच्छा है डच नहीं मैं ...

आमतौर पर विदेश में पहुचने के बाद लोगों को वहां कि संस्कृति और सभ्यता में सम्मोहित होते वक़्त नहीं लगता है, कुछ तो अपने हमवतन और उससे जुडी हर चीज को इतनी सफाई से नजर अंदाज़ कर जाते हैं कि जैसे वो कभी उससे कभी जुड़े ही नहीं थे! जो भी हो पर यहाँ पहुचने के ४ महीनों में ही मुझे भारतीय सिस्टम जिसको हम सब आये दिन गाली देते हैं पर कई बार फक्र महसूस हुआ. उसमे सबसे बड़ी बात है हमारे लोगों में पायी जाने वाली सहस्तितव कि भावना. भारी विसमता के होते हुए भी कहीं ना कहीं एक दुसरे से जुड़े हुए होते हैं, पर यहं सब कुछ उल्टा है. सब कुछ फोर्मल है यहाँ, बच्चे माँ-बाप, दोस्त दोस्त से appointment ले कर मिलते हैं और सबसे मजेदार बात ये कि यहाँ तक कि पति-पत्नी भी जब रेस्टुरेंट जाते हैं तो खाना भले ही साथ-साथ खाएं पर बिल अलग-अलग अपना अपना पे करते हैं! ये सब to इनका हाल है और इस बस formalities के बीच व्यवस्था कि पोल तब खुल जाती है जब हम उससे व्यवथा से जुड़ते हैं, उसमे सबसे ताज़ा घटनाएं मेरे लैपटॉप के रिपेयर करने कि कोशिश और होलैंड में मेरा पहली बार हॉस्पिटल का चक्कर लगाने से जुडी हैं. लैपटॉप को जो की यहाँ १५ दिनों के लगातार प्रयास से निराश हो कर जब भारत भेजा तो वहां कुछ दिनों में ही सही कर दिया. और फिर दूसरा तब जब मेरा पैर जिसमे सूजन जो की कम नहीं हो रही थी को लेकर आज जब हॉस्पिटल पंहुचा तो यहाँ से वहां और वहां से यहाँ ढेरों सिस्टम्स के जाल का फांश के फस मैं घंटों लंगड़ाता घूमता रहा, और फिर ये जाने के बाद की कोई टूट-फूट नहीं है, अंततः बिना दावा पाए ही घर लौट आया क्यूँ की दावा चाहिए तोह फिर के चक्कर लगाना पड़ता दूसरी जगह जाने का...और उसकी भी गारंटी नहीं की मिलेगी ही क्यूँ की आम तौर पे डॉक्टर यहाँ घर जा कर आराम करने की ही सलाह देते हैं...धन्य है हम भारतीय हैं...कम से -कम अपना बैक-अप तो अच्छा है...

3 comments :

Shuchita Chaturvedi said...

श्री श्री सलमान खान जी ने सत्य ही कहा है -
ईस्ट ऑर वेस्ट, इंडिया इज द बेस्ट

चंद्रप्रकाश said...

भारत की बहुत तारीफ कर रहे हो... लगता है एनडीएमसी का चक्कर लगवाना पड़ेगा।

Ashish said...

yahan hota toh..pehle ye sabit karna padta ki tum saare taxes Delhi mein bharte ho ki nahi...aur chuki tum saare taxes wahan noida mein bharte ho, tumhara koi haq nahi banta ki NDMC se koi certificate mango, aur phir daant nipore ke wapas aana padta, kyunki is baat ki sikayat karne ke liye ya toh court jao jisme positive results ke kam hi chance honge ya phir senior officer se milo kam se kam ek mahine baad ka appointment le kar, aur woh bhi woh hi kahani sunayega finally!