Saturday, March 06, 2010

अभी कल ही तो था...

पीछे घूम कर कभी सोचता हूँ तो अजीब सा एहसास होता है..सब कुछ अभी कल ही तो था, कल ही तो हम सब भूसे वाली कोठारी में पकते आमों पर नजरें जमाये बैठे थे, कल ही तो हमारे घर फ्रीज आई थी और ख़ुशी के मारे हम सब सर्दी में भी बरफ खा रहे थे, कल ही तो घर की आलमारी में लाइब्रेरी बना रहे थे जिनमें ज्यादा तर किताबें हम सब के हाथों की सफाई से हासिल थीं, बगल के कमरे की एक आलमारी जिसमे हमसब अपनी-अपनी इंजीनियरिंग स्किल के प्रदर्शन करते हुए की तोड़फोड़ का सामान संग्रह कर रही थे,  घर में कंप्यूटर खरीदने के लिए झिकझिक कर रहे थे, घर में इनवर्टर लगा और उस अंधकार युग का अंत हुआ जिसमे हम लैम्प में पढाई कम और फतिंगे ज्यादा जलाते थे...और जाने कितनी ही बातें जो हम सब से जुड़ी हैं ...सब कुछ इतनी तेजी से बदला सा लगता है जैसे कल ही था...